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गाँधी और गोडसे

गाँधी और गोडसे


      यदि #समुदाय_विशेष से किसी ने अपने देश को बटता देख #जिन्ना को मार दिया होता तो शायद वह हमारे लिए एक महान इन्सान होता |"
#गाँधी_जी ने देश की आजादी में अमूल्य योगदान दिया था यह बात केवल खुद को अच्छा बताने का प्रयास नहीं बल्कि सच में हमारी भावना है जो उनके आंदोलनों और लोगों को एक जुट करने के प्रयासों में दिखती है |
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गाँधी ने कहा था ये देश मेरी लाश पर बटेगा..पर ये देश बंटा और उनके जीवित रहते हुए बटा, वो अपने महान सिद्धांतो और आदर्शों के बावजूद इस महान देश को बटने से नहीं रोक पाए | उनकी अति अहिंसावादिता ने विशेषकर हिन्दुओं को तो एक तरह से नपुंसक ही बना दिया था |

Image may contain: one or more people and close-upदेश के बटवारे और हिन्दुओं पर हो रहे अत्यचार पर गाँधी के मौन से नाराज होकर ही #गोडसेने उनकी हत्या की थी न की किसी निजी शत्रुता के कारण और हमेशा के लिए एक बुरा इन्सान बन गया | गाँधी जी की महानता को राजनेताओं ने भुनाया और इतना बड़ा कर दिया की कोई गोडसे के समर्थन में दिखना नहीं चाहता भले उसे ये पता हो की गोडसे ने भी जो किया वह पूरी तरह गलत नहीं था |
पर काश देश को तोड़ने वाले सैकड़ों साल से यहाँ रहने के बावजूद अलग देश की मांग करने वाले उस #समुदाय_विशेष से भी किसी ने #गोडसे की तरह अपने देश को बटते देख अपने लोगों की नफरत स्वीकार करने की हिम्मत कर उस #जिन्ना को मार दिया होता जिनके कारण हजारों वर्ष की यह पुण्यभूमि और संस्कृति हमारी भारत माँ के टुकड़े हुए तो शायद हम उसे आज महान बता रहे होते पर ये नहीं हुआ |
यदि किसी एक की मृत्यु या एक व्यक्ति के बुरे बनने पर ये देश बटने से बच जाता तो आज शायद तब हम उसकी कीमत भी समझ सक पाते | अच्छे तो पितामह भीष्म, द्रोणाचार्य भी थे पर वो धर्म और सत्य की रक्षा नहीं कर रहे थे, इसलिए श्री कृष्ण ने कहा की इनकी मृत्यु यदि धर्म की रक्षा के लिए जरुरी है तो अर्जुन तुम इन्हें मारो कौन क्या कहेगा इसके बारे में मत सोचो |
"कौन अच्छा है कौन बुरा यह मायने नहीं रखता, कौन सही पक्ष में खड़ा है और कौन गलत के पक्ष में यह मायने रखता है और यही भविष्य तय करता है |"

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