कम्युनिस्ट ताकतें और भारत को तोड़ने का षड़यंत्र यदि आपसे कोई पूछे की देश के लिए सबसे बड़ा खतरा क्या है तो आप क्या कहेंगे ? शायद आप कहेंगे पाकिस्तान, चीन, आतंकवाद या कुछ और पर मेरे अनुसार से यह सही नहीं है | या सब वो ताकते हैं जो हम पर बाहर से हमला करती हैं इसलिए हम इनसे लड़ सकते हैं | लेकिन उनका क्या जो हमें अन्दर से मार रहे हैं, हमें अन्दर से कमजोर कर रहे हैं, जैसे दीमक घर को खोखला करता है, कैंसर शारीर को अन्दर से खाता है और धीरे धीरे मृत्यु तक पंहुचाता है | इसी तरह भारत का भी एक आन्तरिक शत्रु है जो भारत को अन्दर ही अन्दरकमजोर और खोखला कर रहा है | इसकी सबसे बड़ी ताकत है की यह अदृश्य और अप्रत्यक्ष है इसलिए इसके नुकसान हमें सीधे नहीं दीखते समझ आते और यह ताकत है भारत में वामपंथी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट | वैसे तो पहले वामपंथ एक वर्ग संघर्ष आन्दोलन था पर बाद में यह सत्ता हथियाने वाली विचारधारा बन गई जो आंदोलनों का उपयोग केवल सत्ता प्राप्त करने के लिए करती है जिसके लिए यह किसी भी सीमा तक जा सकते हैं भले ही देश में गृह युद्ध क्यों न हो जाये, भीषण नरसंहार क्यों न हो जाये | भारत में तो वै