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कब आएंगे अच्छे दिन ?

कब आएंगे अच्छे दिन

मोदी जी भी कमाल करते हैं, वो समझ नहीं रहे है की ये देश इंतजार नहीं कर सकता या करना ही नहीं जानता,
जहाँ लोग 2 मिनट ट्रैफिक में खड़ा नहीं रह सकते,
जहाँ लोग 15 मिनट बैंक लाइन में खड़ा नहीं रह सकते,
जहाँ लोग आधा घंटा राशन दुकान में खड़ा नहीं रह सकते,
वहां मोदी जी लोगों से 5 साल मांग रहे हैं, ये देश बहुत इंतजार कर चूका है एक के बाद एक पीढ़ी, एक के बाद एक सरकारें, अब सारा बोझ मोदी के ऊपर डाल रहा है |
मोदी जी बेकार की योजनायें चलाकर सोच रहे हैं देश उन्हें फिर से चुनेगा,
सरकार करोड़ो स्वच्छता में फूंक रहे हैं लेकिन हम थोड़ी रह सकते हैं बिना गन्दगी के,
आप सड़के साफ करोगे हम उस पर कचरा फेंक देंगे,
आप नालियां साफ करोगे हम उसमें कचरा डाल देंगे,
आप नदियाँ साफ़ करोगे हम फिर से उसे गन्दा कर देंगे,
आप टॉयलेट बनवाओगे हम उसे छोड़कर बाहर ही गन्दगी करेंगे |

मोदी जी भ्रस्टाचार मिटाने की बात करते हैं नोटबंदी लाते हैं पर जनता थोड़ी रह सकती है बिना भ्रष्टाचार के,
हम तो दो चार पोस्ट भ्रष्टाचार पर छाप लेंगे हैं, लेकिन सोशल मिडिया से हटते ही फिर किसी न किसी अवैध तरीके से पैसे बनाने की कोशिश करने लगते हैं , घुस देकर अपना कोई न कोई काम अवैध तरीके से करवाएंगे |

अरे क्यों बेकार में हमें सुधारने की कोशिश कर रहे हैं हम नहीं सुधरने वाले, हमें अपनी ज्यादा पड़ी होती है |

हमें मुद्रा योजना से खुद का रोजगार द्वारा सशक्त बनाने वालों से मनरेगा में गड्ढे खोदवाकर गरीब रखने  वाले ज्यादा पसंद हैं,
हमें नोटबंदी और GST जैसे बड़े कदम उठाने वालों से ज्यादा बोफोर्स, 2G, कोलG और CWG वाले पसंद हैं,
हमें हिंदूहित और सर्वे सन्तु सुखिनः वसुधैव कुटुम्बकम की बात करने वालों से ज्यादा तुष्टिकरण, इफ्तार, नरसंहार, घुसबैठ, इस्लामीकरण और ईसाईकरण करने वाले ज्यादा पसंद हैं |

मोदी जी आप नहीं जानते की इस देश में कितने बुद्धिमान लोग रहते हैं, इतने बुद्धिमान इतने बुद्धिमान जितने आर्यभट्ट, भास्कराचार्य, चाणक्य और विवेकानंद भी नहीं थे, अगर आपने 60 सालों के किये हुए गड्ढों को 60 महीने में नहीं भरा तो हमारे बुद्धिमान लोग फिर से उन्हें सत्ता में ले आएंगे जिन्होंने ये गड्ढा किया | बेहतर होगा आप भी दो चार बड़े घोटाले कीजिये और अपनी जेबें भरकर चले जाइये, क्योंकि हम फिर से आपको नहीं चुनने वाले | आप भी लुट लीजिये क्योंकि भारत बना ही है लुटाने के लिए पहले मुगलों ने लुटा, फिर पुर्तगालियों ने फिर अंग्रेजों ने फिर कोंग्रेस और उनके साथियों ने, हमें लूटवाने की आदत है आप भी लुट लीजिये |

यहाँ ऐसे ऐसे बुद्धिजीवी है जो 60 सालों के बड़े बड़े घोटालों और कुशासन पर तो मौनमोहन बने रहे पर आज छोटी छोटी बातों पर व्यंग्बाज बने घूम रहे हैं | हर चीज का हिसाब मांग रहे हैं जैसे आजतक इन्होने हिसाब मांगकर ही सरकारें चुनी थी |
यह लोग आगे बढ़ना चाहते है पर हर कदम पर खुद को पिछड़ा दिखाना चाहते हैं ताकि आगे बढ़ने में उनको आसानी हो |
मोदी जी उस देश को विकसित बनाने की कोशिश कर रहे हैं जहाँ के लोग अपनी आत्मा को मरकर मोर्डन बनना चाहते हैं और सारे कुकर्म करके विकसित होना चाहते हैं |


बाते कड़वी हैं पर यही सच्चाई है |


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